जानिए क्या है पील मास्क, इसके फायदे और इसे कैसे उपयोग करे?
पील ऑफ मास्क-
हम सभी ने पील मास्क के बारे में सुना होगा और अगर नहीं सुना है आप ने तो कोई बात नहीं आज के इस ब्लॉग में आप इसके बारे में जान जायेग। ज्यादातर लोगो को ऐसा लगता है की सामान्य मास्क और पील मास्क में कोई अंतर् नहीं पर ऐसा नहीं है सामान्य मास्क की तुलना में पील मास्क ज्यादा इफेक्टिव होते ह। जिसमे सबसे पहले आता है यह त्वचा पर लगने के बाद कठोर नहीं होते जैसे की नार्मल मास्क हो जाते ह। इसके साथ यह और भी बहुत कुछ ऐसा करते है जो की एक नार्मल फेस मास्क नहीं दे सकते है और आज के इस ब्लॉग में हम उसी के बारे मेंबात करेगें|
इसके साथ ही साथ हम यह भी जानेगे की इसका हमरे चेहरे पर कितने दिनों तक प्रभाव रहता है और इसे कब कब कराये और कैसे? तो चलिए फिर बिना देरी किये इसके बारे में वह ख़ास बातें जानते है जिनके बारे में आप का जानना बहुत ज़रूरी हैं।
पील मास्क क्या है और इसके फायदे-
सामान्य तौर पर हमारी त्वचा मृत कोशिकाएं खुदबखुद नयी कोशिकाओं से रिप्लेस होती रहती हैं । लेकिन बढ़ती उम्र के साथ – साथ प्रदूषण और बदल रही जीवनशैली की वजह से नयी कोशिकाएं बनने की क्रिया धीमी हो जाती है । नतीजा , त्वचा की ऊपरी परत पर मृत कोशिकाएं और भी ज्यादा जमने लगती हैं । इससे त्वचा ज्यादा बदरंग , झाइयां युक्त और बुझी – बुझी दिखती है । इसकी सुरक्षा के लिए हम फेस मास्क लगाते हैं । स्किन ट्रीटमेंट में पील ऑफ मास्क काफी असरदार है ।
पील मास्क के फायदे-
केमिकल पील ऑफ त्वचा पर बहुत कठोर साबित नहीं होता । यह त्वचा की कोशिकाओं , झाइयों , झुर्रियों व भूरे दाग , सूर्य की किरणों से प्रभावित त्वचा को पुनर्जीवित करने के लिए कारगर है ।
यह त्वचा की कोशिकाओं पर एक सॉफ्ट एक्सफोलिएशन की तरह काम करता है ।
केमिकल पील ऑफ डेड लेअर को निकाल देता है । यह एक तरह से नॉन सर्जिकल कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट हैं ।
केमिकल पील ऑफ का खास उद्देश्य है कि त्वचा की ऊपरी परत की थकी और बेजान त्वचा को निकाल कर त्वचा को जवां दिखाता है ।
अमेरिकन सोसाइटी ऑफ प्लास्टिक सर्जन द्वारा कराए गए एक शोध के मुताबिक केमिकल पील महिलाओं के बीच सबसे ज्यादा पॉपुलर नॉन सर्जिकल उपचार है । वैसे इस उपचार में एक फूट एसिड की लेअर त्वचा के ऊपरी परत में इस्तेमाल किया जाता है ।
अगर इसे किसी एक्सपर्ट द्वारा कराया जाता है , तो बहुत अच्छे नतीजे आएंगे और आपको इंस्टेंट बदलाव देखने को मिलेगा ।
फेस मास्क को कभी भी पील ऑफ मास्क के साथ जोड़ कर ना देखें । पील ऑफ मास्क के प्रभाव को देखते हुए कई कंपनियों ने होम पील ऑफ किट भी तैयार किए हैं ।
इसमें भी अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड होता है। लेकिन प्रोफेशनल पील ऑफ मास्क की तुलना प्रभावकारी होते हैं ।
फेस मास्क मेडिकल प्रोडक्ट नहीं है । इसलिए घर में आसानी से इस्तेमाल हो सकते हैं ।
पील मास्क किस तरह से करिये की आप को एक बेहतर रिजल्ट मिले-
किसी एक्सपर्ट की ले मदद-
किसी अच्छे स्किन क्लीनिक से केमिकल पील ऑफ कराएं । इस प्रक्रिया में त्वचा की ऊपरी परत पर एसिडिक सोल्यूशन से खासतौर पर एक्सफोलिएशन कराया जाता है । पहले से खराब हुई त्वचा पर ब्रश की मदद से चेहरे पर सोल्यूशन लगाया जाता है ,एक खास समय सीमा तक इसे चेहरे पर लगा कर रखते हैं ।
केमिकल पील ऑफ का चयन महिला की स्किन टाइप पर तय होता है । 17 से 70 तक की उम्र के बीच की महिलाएं आजकल केमिकल पील ऑफ का उपचार करवा रही हैं । यह स्किन ट्रीटमेंट लोगों के बीच इसीलिए पॉपुलर हो रहा है , क्योंकि यह जल्दी और अच्छे नतीजे देता है और त्वचा पर तुरंत बदलाव नजर आता है । वैसे यह पूरी प्रकिया किसी अच्छे डर्मेटोलॉजिस्ट या किसी स्किन डॉक्टर की देखरेख में किया जाना चाहिए । कुछ पील ऑफ तो वाकई त्वचा पर काफी कोमल साबित होते हैं , इसे डर्मेटोलॉजिस्ट की निगरानी में सौंदर्य विशेषज्ञ भी कर सकती हैं ।
किसी भी अच्छे पार्लर से केमिकल पील ऑफ कराने से पहले इसको अच्छी तरह से जान लें कि पार्लर के पैनल में डर्मेटोलॉजिस्ट भी मौजूद हो । केमिकल पोल ऑफ का खर्चा उसकी पावर पर तय होती हैं । ये तीन स्टेज में होती हैं – कम समय के लिए असरदार , सामान्य असरदार और ज्यादा समय के लिए असरदार । इसमें तकरीबन 1000 से ले कर 20,000 रुपए तक खर्चा आता है । वैसे महिलाएं इस उपचार पर इसलिए रुपए खर्च करना पसंद करती हैं , क्योंकि यह कम समय में अच्छे नतीजे देता है ।
अपनी स्किन को ध्यान में रख क्र कराये-
स्किन पील ऑफ में तरह – तरह की चीजें होती हैं , जो त्वचा पर असरदार साबित होती हैं । दिल्ली के एलिगेंजा कॉस्मेटिक क्लीनिक की कॉस्मेटोलॉजिस्ट सीमा मलिक बताती हैं , ” यों तो केमिकल पील ऑफ में कई तरह की चीजें मौजूद होती हैं , पर सामान्य तौर पर अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड का इस्तेमाल किया जाता है । मुख्य तौर पर ये एसिड फल , गन्ना , खट्टे फल , दही , बादाम और चावल से तैयार होते हैं । केमिकल पील कराने से पहले उसके असर को भी समझना जरूरी है ।
आपकी स्किन टाइप , त्वचा का स्तर और मेडिकल हिस्ट्री को देख कर उसी के मुताबिक सूट होनेवाले केमिकल पील कराने की सलाह देते हैं । स्किन ट्रीटमेंट में सुपर फेशियल , मीडियम और डीप पील होते हैं । सुपर फेशियल त्वचा के ऊपर की लेअर को मरम्मत करके उसे फ्रेश लुक देता है । इसमें मौजूद ग्लाइकोलिक एसिड और लेक्टासिड की वजह से त्वचा में ताजगी महसूस होती है ।
यह कम समय में किया जानेवाला असरदार ट्रीटमेंट है , इसीलिए इसे ‘ लंच टाइम पील ‘ कहा जाता है मीडियम पील ऑफ में ट्राईक्लोरो एसिटिक एसिड होता है । यह चेहरे के भूरे धब्बों और त्वचा से जुड़े दोष पर यह असरदार साबित होते हैं ।
उस पील ऑफ से साइड इफेक्ट के तौर पर जरा सी परेशानी हो सकती है । जैसे त्वचा पर कम से कम एक हफ्ते तक हल्की जलन और असहजता बनी रहती है । फेनॉल पील जैसे डीप पौल ऑफ काफी प्रभावशाली होते हैं ।
सकारात्मक असर-
डॉ . सीमा आगे सलाह देती हैं कि सांवली त्वचा की महिलाएं डीप स्किन पील ना कराएं , तो बेहतर है । पील ऑफ एसिड त्वचा में मौजूद मेलानिन के स्तर को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है । इससे त्वचा पर झाइयां बन सकती हैं और वह काफी संवेदनशील हो सकती है । जिन महिलाओं के चेहरे पर किसी तरह का कोई संक्रमण , विटीलिगो , ल्यूकोडर्मा , जख्म या त्वचा जरूरत से ज्यादा हाइपर सेंसेटिव हो , तो उन्हें स्ट्रॉन्ग स्किन ट्रीटमेंट नहीं करना चाहिए ।
अगर वे पील ऑफ कराने का मन मना चुकी हैं , तो किसी वरिष्ठ कॉस्मेटोलॉजिस्ट से कराएं । अच्छा होगा कि केमिकल पील ऑफ कराने के बाद कम से कम दो हफ्ते तक धूप में ना निकलें । केमिकल पील ऑफ कराने के बाद कम से कम 2 हफ्ते से 6 हफ्ते तक त्वचा पर इसका असर रहता है । वैसे इसका असर इस बात पर भी निर्भर रहता है कि आपने पील ऑफ का कौन सा टाइप चुना है और पील ऑफ कराने के बाद त्वचा की देखभाल कैसे करती हैं ।
उपचार लेना इस बात पर भी तय किया जाता है कि व्यक्ति की उम्र की कितनी है । कोई भी पील ऑफ हफ्ते तक असरदार रहता है । उम्रदराज महिलाएं 4 हफ्ते में फिर से यह उपचार लें ।
पील मास्क के प्रकार-
Azelaic Acid :
इस पील ऑफ मास्क में एंटी बैक्टीरियल एसिड होता है , जो गेहूं , राई और जौ से तैयार होता है । यह रोमकूपों में होनेवाले बैक्टीरियल इन्फेक्शन को कम करता है । स्किन बैक्टीरियल इन्फेक्शन और अति संवेदनशील त्वचा के उपचार के लिए सही है ।
Salicylic Acid And Lactic Acid Peel :
यह पील ऑफ फेशियल टेक्सचर में सुधार लाता है । बिना किसी असहजता के त्वचा की ऊपरी परत और पोर्स दोनों एक्सफोलिट होते हैं । यह मुख्य रूप से ब्लॉक पोर्स को भी ठीक करने और एक्ने के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है । लैक्टिक पील ऑफ त्वचा को हाइड्रेट और सुरक्षित करता है । यह दूध और दही से तैयार किया जाता है ।
Jessner’s Peel :
यह सोल्यूशन साइसिलिक , लेक्टासिड और साइट्रिक एसिड को मिला कर तैयार किया जाता है । यह ऐसा पील ऑफ है , जो एपिडर्मल एक्सफोलिएशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है ।
Glycolic Peel :
यह कोलेजन बनने और नेचुरल तरीके से त्वचा को जल्दी ठीक करने में प्रेरक का काम करता है । यह पील ऑफ स्किन ट्रीटमेंट बढ़ती उम्र की महिलाओं को कराने की सलाह दी जाती है । इतना ही नहीं , यह एक्ने युक्त स्किन के लिए भी फायदेमंद है । महीन रेखाएं , भूरे धब्बे और धूप से प्रभावित त्वचा में सुधार लाता है । इतना ही नहीं एजेलिक और फाइटिक एसिड के कॉम्बिनेशन पील ऑफ मास्क से त्वचा की बनावट और धूप के प्रभावित त्वचा पुनर्जीवित होती है ।